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Budget 2024: किराए पर घर देना अब नहीं होगा इतना आसान, सरकार ने किया बड़ा बदलाव

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Budget 2024: भारत सरकार ने 23 जुलाई 2024 को प्रस्तुत किए गए आम बजट में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिनमें से एक प्रमुख बदलाव किराए पर मकान देने वालों के लिए है। इस नए नियम के तहत मकान मालिकों को किराए से होने वाली आय पर टैक्स चुकाना पड़ेगा, और यह बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। आइए जानें इस बदलाव के बारे में विस्तार से।

बजट में मकान मालिकों के लिए नया नियम

आम बजट 2024 में सरकार ने किराए पर मकान देने वालों के लिए एक नया नियम पेश किया है। इस नियम के अनुसार, अब मकान मालिकों को अपनी किराए से होने वाली आय को “इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी” के तहत दिखाना पड़ेगा। इसका मतलब है कि मकान मालिकों को अपनी किराए की आय को टैक्स के दायरे में लाना होगा, जिससे वे पहले टैक्स बचाने के उपायों का इस्तेमाल कर सकते थे।

टैक्स बचाने के नए ऑप्शन

इस नए नियम के बावजूद, मकान मालिकों को टैक्स बचाने के ऑप्शन मिलेंगे जैसे- 

  1. स्टैण्डर्ड डिडक्शन: इस नियम के तहत मकान मालिक अपनी प्रॉपर्टी की नेट वैल्यू पर 30% तक का टैक्स डिडक्शन प्राप्त कर सकते हैं। यह डिडक्शन रोजमर्रा के खर्चों जैसे रखरखाव और मरम्मत के खर्चों को कवर करता है। सरकार इसके लिए कोई अतिरिक्त प्रूफ नहीं मांगती, जिससे प्रक्रिया सरल बनी रहती है।
  2. लोन पर ब्याज: अगर आपने प्रॉपर्टी खरीदने के लिए लोन लिया है, तो लोन के ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है। इसका मतलब यह है कि लोन की किस्तों पर चुकाया गया ब्याज टैक्स से बाहर रहेगा और इससे टैक्स का बोझ कम हो जाएगा।

पुराने टैक्स छूट के उपायों पर असर

पहले कई मकान मालिक किराए की आय को व्यवसाय या पेशेवर आय के रूप में दिखाकर विभिन्न खर्चों की टैक्स छूट का फायदा उठाते थे। इसमें मेंटेनेंस, मरम्मत और प्रॉपर्टी के मूल्यह्रास (डिप्रिसिएशन) जैसे खर्च शामिल थे। इन खर्चों को दिखाकर मकान मालिक अपनी टैक्सेबल आय को घटा लेते थे, जिससे उन्हें कम टैक्स चुकाना पड़ता था। लेकिन नए नियमों के तहत, ऐसे खर्चों की छूट अब मान्यता प्राप्त नहीं होगी। इससे मकान मालिकों को अब अपनी वास्तविक आय को टैक्स के तहत दिखाना पड़ेगा।

नया नियम क्यों लाया गया?

सरकार ने यह नया नियम टैक्स चोरी को रोकने और टैक्स व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए लाया है। पहले के नियमों के तहत कुछ मकान मालिक टैक्स छूट के गलत इस्तेमाल के जरिए अपनी टैक्सेबल आय को घटा देते थे। इस नए बदलाव के माध्यम से सरकार ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि सभी मकान मालिक अपनी किराए की आय को सही ढंग से दिखाएं और उचित टैक्स का भुगतान करें।

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