CM Seekho Kamao Yojana: भारत में बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है और इससे निपटने के लिए सरकारें समय-समय पर विभिन्न योजनाएं लाती हैं। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना शुरू की है। इस लेख में हम इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे और बताएंगे कि इसके माध्यम से युवाओं को किस प्रकार स्टाइपेंड प्राप्त होगा।
मध्य प्रदेश से शुरू की गई सिखो कमाओ योजना
मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना की शुरुआत मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 22 अगस्त 2023 को भोपाल से की थी। इस योजना के तहत युवाओं को काम सीखने के बदले 8 से 10 हजार रुपये स्टाइपेंड के रूप में दिए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को जॉब ओरिएंटेड स्किल्स प्रदान कर उन्हें स्वरोजगार और स्थायी नौकरियों के लिए तैयार करना है।
7 जून 2023 से कंपनियों का पंजीकरण
मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना में कंपनियों का पंजीकरण 7 जून 2023 से शुरू हुआ था। अब तक 16,744 कंपनियों ने पंजीकरण किया है और 70,386 पदों का प्रकाशन किया जा चुका है। युवाओं का पंजीकरण 4 जुलाई 2023 से शुरू हुआ था और अब तक 8,71,330 युवाओं ने पंजीकरण कराया है। योजना के तहत 15,092 कॉन्ट्रैक्ट बनाए जा चुके हैं। इसमें 46 क्षेत्रों के 700 से अधिक पाठ्यक्रमों में ट्रेनिंग दी जाएगी।
योजना के तहत दी जाने वाली जॉब ओरिएंटेड स्किल ट्रेनिंग
मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना एक ‘लर्न एंड अर्न’ कार्यक्रम है, जिसमें युवाओं को जॉब ओरिएंटेड स्किल्स सिखाई जाती हैं। इस योजना के माध्यम से युवा कार्यक्षेत्र में अनुभव प्राप्त करते हैं और अपने कौशल को विकसित करते हैं। इस योजना में प्रशिक्षण के दौरान उन्हें हर महीने स्टाइपेंड भी मिलता है, जिससे वे अपने खर्च उठा सकते हैं और किसी अन्य पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।
योजना के माध्यम से स्टाइपेंड प्राप्त करने की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के तहत स्टाइपेंड की राशि उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता के आधार पर निर्धारित की गई है।
- 12वीं पास उम्मीदवार: 8000 रुपये
- आईटीआई उत्तीर्ण: 8500 रुपये
- डिप्लोमा धारक: 9000 रुपये
- स्नातक पास या उच्च शैक्षणिक योग्यता: 10000 रुपये
इस योजना के माध्यम से उम्मीदवारों को नियमित रोजगार प्राप्त करने की योग्यता मिलती है और उद्योगों को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार युवाओं का कौशल संवर्धन करने का मौका मिलता है।
कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की लागत होगी कम
इस योजना के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदाता संस्थान छात्रों को परख कर और प्रशिक्षण के बाद उन्हें नौकरी देने में सक्षम होंगे। इससे उद्योगों को कुशल और अनुभवी कर्मचारियों की प्राप्ति में सहायता मिलेगी। उद्योगों को कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की लागत भी कम होगी, क्योंकि छात्रों को पहले से ही कुछ कौशल और अनुभव मिला होगा। एक छात्र-अभ्यर्थी पर प्रतिमाह अधिकतम 9,000 रुपये तक की बचत होगी और एपीएफ, बोनस एवं इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट भी लागू नहीं होगा।